Tuesday, 12 March 2019

Rani Velu Nachiyar


हम BIG SALUTE की टीम पहले से ही कुछ हट कर, विशेष और उन देशभक्तो तक भारत की जनता का ध्यान आकर्षित करना चाहते हे जिनसे हम शायद पहले से अपरिचित हे|



वीर रानी वेलु नचियार


आज हम आप से ऐसी महान, पहली वीरांगना, पहली क्रन्तिकारी महिला जिनका जन्म महारानी लक्ष्मीबाई से भी पहले हुआ और उन्होंने अंग्रजो के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी| इन्होने पहला मानव बम (HUMAN BOMB) का उपयोग किया और अंग्रेजो के हथियारों को नष्ट कर दिया|

इन राजकुमारी का जन्म 1730 में रामनाथपुरम राज्य में राजा चेल्लामुतहू विजयाराघुनाथ सेतुपति और रानी सक्धिममुथल सेतुपति के महल में हुआ| पिता की एकलौती संतान होने के कारण उनका पालन पोषण एक राजकुमार की भांति हुआ उन्होंने बचपन से ही घुड़सवारी, तीरंदाजी, तलवारबाजी और मार्शल आर्ट्स विधिवत शिक्षा ली थी|  अस्त्र-शस्त्र के साथ ही उन्होंने विभिन्न भाषाएँ जैसे- फ्रेंच, अंग्रेज़ी और उर्दू का भी ज्ञान था|

उसके पश्चात् उनका विवाह बड़ी धूमधाम से शिवगंगा के राजा मुथुवादुग्नाथापेरिया उदायियाथेवर से कर दिया गया| कुछ वर्षो पश्चात् एक पुत्री का जन्म हुआ| जिसका नाम वेल्लची नाम रखा गया | उसी बीच अंग्रेजो ने अरकोट के नवाब पुत्र के साथ मिलकर महल पर हमला कर दिया था जिसमें उनके पति की मृत्यु हो गयी| वहा पर अंग्रजो ने अपना अधिकार जमा लिया था जिसके उपरांत वह अपनी मासूम बेटी के साथ जैसे तैसे महल से निकलने में कामयाब रही|

उसके पश्चात् वह मैसूर के सुल्तान हैदर अली के सरंक्षण में रही | वहा पर उन्होंने खुद की सेना गठित की और सेना कानाम उनकी दत्तक पुत्री उदईयाल के नाम से रखा| उन्होंने गोपाला नायकर एवं हैदर अली के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया| जिसमे कुल्ली नामक उनकी विश्वासपात्र सेनापति थी|  अंग्रेजो की संख्या और उनके पास आधुनिक हथियार बहुत थे जो वह मंदिरो में रखते थे कुछ समय पश्चात् रानी वेलु को इस जानकारी का पता लग गया|  तब उन्होंने कुल्ली को इस काम की जिम्मेदारी सौपी और रानी वेल्लु का आदेश पाकर वह कुल्ली अपने शरीर पर तेल लगा कर व् आग के द्वारा उस हथियार बंद कक्ष में घुस कर उनको नष्ट करने में सफल हो जाती हे| जिनसे अंग्रेजो को भारी नुकसान हो जाता हे| ततपश्चात युद्ध में वेल्लु और उनके सहयोगियों के द्वारे अंग्रेजो को भारी करारी हार का सामना करना पड़ता हे|

जिसके उपरांत वह अपना राज्य शिवगंगा वापस लेने में कामयाब हो जाती हे और वह स्वतंत्र 10  वर्षो तक राज करती हे| और अंत में बीमारी के कारण 66 वर्ष की आयु में  उनकी मृत्यु हो जाती हे|

उनकी स्मृति में २०१४ में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री स्वर्गीय जयललिता द्वारा उनकी याद में वीरमंगई वेलु नचियार स्मारक का उद्घाटन किया गया|

महान क्रांतिकारी वीरांगना को हमारा BIG SALUTE.



Source of the content: Different websites/blogs and https://en.wikipedia.org/wiki/Velu_Nachiyar


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